IOS KYA HAI ? आप सभी ने एप्पल का स्मार्ट फ़ोन जिसे I PHONE कहा जाता है उसे तो देखा ही होगा जो देखने में बेहतरीन होता है और काफी महगा भी होता है इस फ़ोन को बहुत से लोग खरीदना चाहते है लेकिन किफायती दामों में न मलने से आम लोग इसे खरीद नहीं पते है लेकिन क्या आप को पता है की एप्पल का I फ़ोन लोगो को अपनी तरफ आकर्षित क्यों करता है। इसका ऑपरेटिंग सिस्टम जिस पर यह डिवाइस रन करती है एप्पल IOS पर रन करती है।
जो एंड्राइड और विंडो सिस्टम से बिलकुल अलग है IOS वह सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है जिसके ऊपर आज सभी एप्पल की डिवाइस जैसे I Phone I Pad I Pod इत्यादि रन करता है तो इसलिए आज हम इस आर्टिकल में IOS के बारे में बताने वाले है कि IOS MEANING IN HINDI और इसका इतिहास क्या है ?
IOS क्या है – What is IOS in hindi .
IOS apple incorped द्वारा बनाया गया operating system है जो apple के सभी मोबाइल डिवाइस पर रन करती है एंड्राइड के बाद IOS दुनिया भर में दूसरी सबसे मशहूर मोबाइल सिस्टम है IOS इस्तेमाल करती है एक मल्टी इंटरफ़ेस को जिसमे सिंपल गेस्ट के मदद से डिवाइस को ऑपरेट किया है
सिंपल गेट्स का मतलब जैसे डिवाइस के स्क्रीन के ऊपर अपनी उंगली को स्वाइप करना जिसे अगले पेज पर जाकर काम किया जा सके और स्क्रीन को जूम करने के लिए अपनी उंगली से पिंच करना यह सब काम आप IOS में freely कर सकते है IOS अपने डिवाइस के सेंसर को बहुत मजबूत बनाती है जो अपनी उंगली को तुरंत कर डिडेक आप का काम आसान कर देता है IOS एप्पल डिवाइस के हार्डवेयर के सभी पहलुओं को कंट्रोल करता है साथ ही सॉफ्टवेयर के सभी कार्य को भी यही सम्भलता है
इसका मतलब है कि IOS अपनी यूजर को एक कंपलीट एक्सपेरिंस देता है जहाँ सॉफ्टवेयर को हार्डवेयर के साथ चतुराई से जोड़ा जाता है जिसे यूजर को डिवाइस के हार्डवेयर से बेहतर फ़रोफॉर्मस प्राप्त होती है एप्पल के app स्टोर में 2 मिलियन से ज्यादा IOS एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध है जो सभी मोबाइल डिवाइस को सबसे मशहूर अप्प स्टोर है और दोस्तो अब जानेंगे कि IOS का इतिहास क्या है ?
IOS का इतिहास क्या है – What is the history of IOS .
2005 में जब स्टीव जॉब्स ने I PHONE की योजना बनाना शुरू किया तो उनके पास दो विकल्प थे — पहला MSC यानि mac को छोटा करना का जो mac कंपनी का एप्पल कंपनी का MACKING TEST DESKTOP है और दूसरा था I POD को और बड़ा करना इस समस्या को सुलझाने के लिए stive mac और ई पोड बनाने वाले दल से मिले और उन्होंने I phone के लिए IOS बनाने के लिए निर्णय लिया इसके बाद 2007 जनवरी में I PHONE के साथ नया ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किया गया
I PHONE के लॉन्च के समय ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम I PHONE OS रखा गया था शुरुआत में I PHONE को OS में कोई भी 3 RD पार्टी अप्प्स को डिवाइस में रन करने के लिए इजाजत नही दी गयी थी
स्टीव जॉब्स को विचार था कि एप्लिकेशन देवेलोपेर्स सफारी वेब ब्राउज़र के जरिये वेब APPS को DEVLOP कर सकते है ताकि I PHONE वेब अप्प्स के ऊपर पर निर्भर करे जो APPS देशी APPS की तरह व्यहार करेगा ।
OCT 20007 में एप्पल ने घोषणा की एक मूल सॉफ्टवेयर DEVELOPERMENT किट SDK विकाश में है और उन्होंने इस डेवेलोप के हाथों में FEB में रखने की योजना बनाई गई 6 MAR 2008 में I PHONE SD बन कर तैयार हो गया था और इसकी घोषणा की गई ।
7 जुलाई 2008 में IOS APP स्टोर को खोला गया जिसमें शुरुआत में सिर्फ 500 एप्लीकेशन मौजूद थे लेकिन SPE 2008 से लेकर साल 2017 तक इसकी संख्या 2.2मिलियन ही गयी थी ।
इन अप्प को सामूहिक रूप से 130 अरब से अधिक बार डाउनलोड किया गया था । यह बहुत बड़ी बात थी SEP2007 में एप्पल ने I POD की घोषणा की उसके बाद जनवरी 2010 में I PAD की घोषणा की जिसमे I PHONE और I PAD की तुलना में बड़ी SCREEN थी जिसे वेब ब्राउज़िंग , मीडिया कॉन्सेप्ट और रीडिंग के लिए डिजाइन किया गया था ।
जून 2010 में एप्पल I फ़ोन OS को IOS के नाम से बदल दिया पहले एप्पल OS ज्यादा प्रोग्राम को संभाल नही पाता था इस लिए उन्हें विवस होकर उन्हें नया मोबाइल सिस्टम आईओयस बनाना पड़ा।
एप्पल का IOS वर्तमान का मूल्य सॉफ्टवेयर है जो I PHONE I POD I PAD और I POD MINI मोबाइल के सभी डिवाइस पर चलता है और एप्पल के स्मार्ट वाच पर भी यह सॉफ्टवेयर चलता है एप्पल आईओयस में जब भी कोई नया फ्यूचर ऐड करता है तभी इसे सॉफ्टवेयर अपडेट कहा जाता है एप्पल हर साल आईओयस का नया वर्जन लाता रहत है वर्तमान में IOS का लेटेस्ट वर्जन IOS 12 है
इस नया वर्जन में परफॉरमेंस और qualty enpurment पर ज्यादा ध्यान दिया गया है IOS के लिए मुख्य हार्डवेयर प्लेटफार्म ARM आर्तिकेचर है IOS आज के पहलो जिनने भी IOS डिवाइस है उनमें केवल 32 BIT PROCESS के साथ ARM पर चलाया जा सकता है लेकिन 2013 में ईयोस को पूर्ण 64 BIT के साथ लॉन्च किया गया है
एप्पल का नया वर्जन IOS 12 उन सभी डिवाइस पर मिल जाएगा जो उन 64 BIT पर रन कर रहा है आईओयस की ये एक खास बात है कि जब भी इसमे कोई नया फ्यूचर ऐड किये जाते है तो यह तुरंत ही एप्पल के सभी डिवाइस सॉफ्टवेयर UPDATE के लिए इजाजत दे देता है जबकि दूसरे मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में नए फ्यूचर के रिलीजन होने के बाद भी उसे अपने डिवाइस पर पाने के लिए इंतजार करना पड़ता है
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IOS दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम से अलग कैसे है ?
IOS दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम से बिल्कुल अलग है क्योंकि यह अपने डिवाइस के मौजूद सभी APP स्टोर को अपने प्रोटेक्टिंग SALE के अंदर रखता है जिससे apps एक दूसरे से दूर है और एक दूसरे के काम मे दखल अंदाजी न करे
आईओयस को इस प्रकार इसिलिए डिजाइन किया गया है ताकि डिवाइस में अगर गलती से भी APPS के जरिये वायरस आ जाता है तो वह दूसरे APPS को नुकसान पहुचने के नाकामयाब हो सके जबकि दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम में ऐसा कोई फ्यूचर देखने को नही मिलता है IOS में जो प्रोटेक्टय सेल होते है वह APPS के घेरे हुए है इसीलिए उनके कारण अप्प्स में बहुत सी कमिया भी आ जाती है
ताकि एक APPS दूसरे अप्प्स से डायरेक्ट मिल कंबुनेकेट नही हो पाते है जैसे हम एंड्राइड ओस के डिवाइस में देखते है कि अगर कोई NEWS की लिंक किसी ने व्हाट्सएप्प पे भेजी हो तो हम उसे किसी भी ब्राउज़र जैसे – CROME की मदद से खोल कर देख पाते है इसमें व्हाट्सएप्प क्रोम के साथ डायरेक्ट कंबुनिकेट कर पाता है यही फ्यूचर हमे IOS डिवाइस में नही मिलती है लेकिन यह एक अलग ही फ्यूचर का उपयोग करता है ह जिसे स्टेन्विलिचिय कहते है ।
यह फ्यूचर एक अप्प्स को दूसरे अप्प के साथ कंबुनिकेट प्रदान करती है बिना अप्रोवाल के एक अप्प दूसरे APP के बीच कंबुनिकेट करना नामुमकिन है
IOS और एंड्राइड OS के बीच एक मुख्य अंतर है जो कि लोगो को बहुत अधिक पसंद आती है और वह यह है कि एंड्राइड के साथ आप को चॉइस मिलती है जिसमे आप दूसरे कंपनी के फ़ोन का इस्तेमाल कर सकते है जिसमे आप एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड किया जाता है जैसे SAMSUNG, LG, HTC, XIOMI, MICROMAX, जबकि आईओयस एक यूनिफार्म प्लेटफार्म है जो कि एप्पल के द्वारा बनाई गई डिवाइस पर ही रन कर सकती है
निस्कर्ष
आशा है कि आप को इस आर्टिकल से IOS क्या है और इसके इतिहास से जुड़ी सारि जानकारी मिल गयी होंगी मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है कि मेरे आर्टिकल के द्वारा आपको दिए गए विषय पर पूरी जानकारी प्राप्त हो सके ताकि आप को कही और जाना ना पड़े ।
इस आर्टिकल से जुड़ी कोई भी परेशानी हो तो आप हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं ताकि हम आपकी परेशानी को जल्द से जल्द दूर कर सके ।
THANKS BHAI .
THANKS.
Bhai m aap se baat krna chahta hu aap mere email pe msg kro .