आज हम इस पोस्ट में मोबाइल के touch screen के बारे में जानकारी देने वाले है। दुनिया में विज्ञान का क्षेत्र बहोत ही तेजी से विकाश कर रहा है आज कल कई सारी नई नई टेक्नोलॉजी आ गयी है और उन सभी टेक्नोलॉजी में से एक बेहतरीन टेक्निक टच स्क्रीन टेक्निक है
आज के समय मे जितने भी मोबाइल बनाये जाते है उनमें अब traditional डिस्प्ले और कीबोर्ड के बजाए touch screen टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है । इसके अलावा जितने भी प्रकार के गेजेट्स है उन सभी मे भी touch screen का उपयोग किया जाता है ?
टच स्क्रीन को आप अपने स्मार्ट वाच , स्मार्ट फ़ोन , कंप्यूटर, लैपटॉप , टेबलेट्स , एटीएम मशीन के स्क्रीन आदि में देखते आये है और जरूर इनका इस्तेमाल भी किया होगा ।
टच स्क्रीन की खास बात यह है कि इन्हें इस्तेमाल करना बहोत ही आसान होता है कोई भी कार्य करने के लिए बस आप को devices के स्क्रीन में टच करना होता है हम इसका उपयोग आज अपने दैनिक जीवन मे करते आ रहे है लेकिन ऐसे बहोत ही कम लोग है जिन्हें यह पता होता है कि टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी काम कैसे करता है ?
अगर आप भी उन लोगों में से है जिन्हें इस बात का कोई अंदाजा नही की टच स्क्रीन काम कैसे करता है ? तो आज इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें.
Touch Screen kya hai – टच स्क्रीन क्या है ?
Touch screen एक इलेक्ट्रॉनिक विजुअल डिस्प्ले होता है जिसे यूज़र अपने उंगली के स्पर्श के माध्यम से स्क्रीन को कंट्रोल कर सकता है अगर सरल शब्दों में कहें तो touch screen वह स्क्रीन होती है जिसके छूने से काम करने लग जाए और जिसमें किसी काम को करने के लिए बटन को दबाने के बजाय उसके स्पर्श को छूने मात्र से ही कार्य करें उसे ही touch screen कहते हैं
टच का इस्तेमाल अब इतना आम हो गया है कि टेबलेट ,कंप्यूटर ,स्मार्टफोन और दूसरे मोबाइल डिवाइस में आप मैन्युफैक्चर touch screen का ही उपयोग कर रहे हैं जो आप की स्मार्टफोन और अन्य डिवाइस के ऊपर लगी हुई होती है इसके सहारे आप अपने मोबाइल में किसी भी चीज को एक टच कर के कंट्रोल कर सकते हैं touch screen एक इनपुट डिवाइस की तरह है जिसमें यूज़र मोबाइल के साथ इंटरैक्ट करने के लिए मोबाइल स्क्रीन पर मौजूद फंक्शन और वर्ल्ड को टच करता है जिसे उस स्पर्श वाली जगह पर प्रेशर बनता है.
और मोबाइल स्क्रीन उस प्रेशर के हिसाब से काम करती है पहले हमें किसी भी डिवाइस को कंट्रोल करने के लिए माउस तथा कीबोर्ड या कीपैड की जरूरत पड़ती थी लेकिन अब समय के साथ सब बदल गया है और आज के समय मे किसी भी डिवाइस को टच स्क्रीन के सहायता से आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है ।
टच स्क्रीन के बारे में सबसे पहले अपने विचार A john ने 1960 में दुनिया के सामने रखा इसके बाद touch screen को लेकर अनेक experiment भी किये गए फिर सन 1970 में पहली बार Frank beck और Bent stump के द्वारा टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी को लांच किया गया
पहले के लोगों का मानना है कि टच स्क्रीन के आविष्कार के बाद उसके स्क्रीन की कैप्सिटी स्क्रीन टाइप की थी जिसे हम आज हमारे स्मार्टफोन में इस्तेमाल कर रहे है इसके बाद टच स्क्रीन तकनीकी में लगातार प्रगति देखी गयी टच स्क्रीन पिछले कई वर्षों से उपयोग हो रही है लेकिन हाल ही में एडवांस टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी का अधिक उपयोग किया जा रहा है । कंपनिया इस तकनीकी को अपने अधिक से अधिक प्रैडक्ट में शामिल कर रही है ।
टच स्क्रीन काम कैसे करता है – Touch Screen Kaam kaise karta hai
स्क्रीन टच टेक्नोलॉजी अभी हर जगह इस्तेमाल किया जा रहा है और यह बहोत से प्रकार के होते है जैसे Infrared , Resistive, Capacitive और surface wave लेकिन स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाले दो सबसे आम टच एक्रीन टेक्नोलॉजी में resistive स्क्रीन और Capacitive स्क्रीन शामिल है ।
मोबाइल डिवाइस में फिलहाल यह दोनों टच स्क्रीन का इस्तेमाल किया जा रहा है और बाकी बचे टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी कंप्यूटर और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में इस्तेमाल किया जाते है ।
Touch Screen kitne prakar ke hote hai – टच स्क्रीन कितने प्रकार के होते है ?
1. Resistive screen – Resistive touch screen इसके नाम से ही स्पष्ठ हो जाता है कि यह आप के टच को रोकने की कोशिश करता है अगर आप जोर से स्क्रीन पर प्रेस करते है तो आप को यह फील होगा कि आप के टच के स्क्रीन थोड़ी सी बैंड हुई है और यही से इसकी प्रकिया शुरू होती है
वैसे Resistive screen में दो लेयर होता है एक होता है Resistive लेयर और दूसरा होता है कंडक्टिवे लेयर ये दोनों लेयर के बीच छोटे छोटे डॉट्स मौजूद होते है जो इन्हें एक दूसरे से अलग रखते है ।
Resistive स्क्रीन की ऊपर परत बेहद flexible होती है जो कि पॉलिथीन से बनी होती है और निचली परत बेहद कठोर होती है जो कि glass की बनी होती है जिनको डॉट्स के माध्यम से स्क्रीन कंट्रोलर से जोड़ा जाता है ।
Conducting layer में हर वक्त इलेक्ट्रिक करेंट फ्लो होता रहता है । जब हम Resistive screen में टच करते है तो resistive लेयर के जिस एरिया में ज्यादा जोर पड़ता है वह एरिया conducting लेयर के साथ जाकर मिल जाता है । उस पॉइंट पर मौजूद इलेक्ट्रिक कर्रेंट में बदलाव आता है जिससे यह पता चलता है कि टच कहा पर हुआ है उसके बाद जानकारी प्रकिया शुरू करने के लिए कंट्रोलर को भेजा जाता है तब जाकर डिस्प्ले स्क्रीन touch screen के हिसाब से काम करता है ।
Resistive टच स्क्रीन पुराने समय के फ़ोन में इस्तेमाल किए जाते थे जैसे Micromax , Samsung , htc इत्यादि में यह टेक्नोलॉजी उस समय की सबसे बेहतरीन टेक्नोलॉजी हुआ करती थी लेकिन यह बहोत धीमा था और इतना sensitive भी नही था आज के समय मे यह टेक्नोलॉजी एटीएम मशीन में इस्तेमाल किये जाते है इस टेक्नोलॉजी की खासियत यह है कि यह बाहरी टेम्प्रेचर से प्रभावित नही होती क्योंकि इसके ऊपरी परत पर एक प्रोटेक्टिव सीट लगा होता है जो इसे सुरछित करता है ।
2. Capacitive Screen – Resistive screen के विपरीत capacitive स्क्रीन बिजली के प्रभाव के लिए आप के उँगलु के दबाव का उपयोग नही करती इसके बजाय यह ऐसी किसी भी चीज के साथ काम करते है जो इलेक्ट्रिक चार्ज को स्टोर करके रखती है जिसमे मानव त्वचा भी शामिल है हमारा शरीर इलेक्ट्रिसिटी का अच्छा कंडक्टर है इसका मतलब हैं कि हमारे शरीर में आसानी से इलेक्ट्रिसिटी फ्लो होती है और हम इलेक्टिक चार्ज भी दे सकते है और ले भी सकते है ।
Capacitive touch screen पैनल ऐसे मटेटियल से बना होता है जो कि इलेक्टिक चार्ज को store करती है । Capacitive touch स्क्रीन किसी भी व्यक्ति के शरीर के अंदर उत्त्पन होने वाली इलेक्ट्रिसिटी को महसूस करती है यह ऊपर से ग्लास और अंदर से मटेरियल से बनी होती है जब भी हम devices के स्क्रीन पर टच करते है तो हमारी उँगलु से एक छोटी सी मात्रा में चार्ज उस पॉइंट पर जनरेट होता है।
पैनल में चारो कोनो में कंट्रोलर गले होते है जो इलेक्टिव चार्ज में होने वाले परिवर्तन को माप कर टच की स्थिति का पता लगाते है। की कहा टच किया गया है capacitive टच स्कीन केवल उंगलियो से ही केवल टच करने से कार्य करता है अगर हम प्लास्टिक या कपड़े की ग्लब्ज पहनकर स्क्रीन को टच करेंगे तो वह काम नही करेगा क्योकि हमारे उंगली के संपर्क से इलेक्ट्रिक चार्ज निकलती है जो कि ग्लब्ज पहनने से इलेक्ट्रिक चार्जेज स्क्रीन पर फ्लो नही कर पायेगा .
हम अपने उंगलियो के अलावा स्टायलिश डिवाइस जो कि एक पेन की तरह होती है इसका इस्तेमाल भी कर सकते है । लेकिन वह स्टाइलिश मटेरियल से बना हुआ होना चाहिए तभी यह डिवाइस पर काम करेगा । आज के समय मे सभी मोबाइल डिवाइस और अन्य गैजेट्स में कपैसिटिव स्क्रीन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है क्योकि यह resistive स्क्रीन के मुकाबले तेज और बेहतर होते है।
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Resistive स्क्रीन और Capacitive स्क्रीन के बीच मे क्या अंतर है ?
यदि हम रेसिस्टिव स्क्रीन और Capacitive स्क्रीन के बीच तुलना करें तो Capacitive स्क्रीन ज्यादा बेहतर तकनीकी की मानी जाती है । resistive स्क्रीन आप के टच को रेसिस्ट करते है और अपने कार्य करने के लिए स्क्रीन पर थोड़ा फ़ोर्स लगा कर टच करना होता है तभी वह डिवाइस काम करता है जबकि Capacitive स्क्रीन को कुछ इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि वह केवल आप के छूने मात्र से ही काम करता है । वह भी बिना pressor डाले।
Capacitive स्क्रीन resistive स्क्रीन की तुलना में काफी तेजी से काम करते है इसीलिए अभी के समय मे इसका इस्तेमाल स्मार्टफोन और टेबलेट में मुख्य रूप से किया जाता है जबकि resistive स्क्रीन का इस्तेमाल एटीएम मशीन और supermarket में किया जाता है जहाँ ऑनलाइन बिल pay करने के लिए इलेक्ट्रानिक सिगनेचर की सुविधा प्रदान की जाती है ।
निस्कर्ष
तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की इस पोस्ट से आप को touch screen क्या है ? और यह कैसे काम करता है ? इसकी जानकारी आप को मिल गयी होगी टच स्क्रीन एक एडवांस टेक्नोलॉजी है जिसके वजह से स्मार्ट फ़ोन के साथ इंटरैक्ट करना और भी आसान हो गया है.
इसीलिए इस तकनीकी का इस्तेमाल अब मुख्य रूप से सभी कंजूमर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में किया जा रहा है दोस्तों मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की हमारे पोस्ट के जरिये आप को दिए गए विषय पर पूरी जानकारी प्राप्त हो सके ताकि आप को कहि और जाना न पड़े इस पोस्ट से जुड़ी कोई भी परेशानी हो तो आप हमे निचे कमेंट में बता सकते है ताकि हम आप के परेशानी को जल्द से जल्द दूर कर सके।